दिल को झुकने का गीत - धोकेबाज शायरी
दिल को झुकने का गीत - धोकेबाज शायरी
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यह ग़ज़ल है जो मन को झुकाने के लिए रची जाती है. यह बेईमान शायरी का स्वरूप है here जो समझना मुश्किल . इसमें कुछ पंक्तियाँ हैं जो आपको बताएँगी .
कुछ कहते हैं कि प्यार सच है
क्या यह तुम्हें कुछ बताने की कोशिश कर रही है?
जाल में फँस गए सच्चे प्यार - धोखेबाज शायरी
न जाने किस दिन में फँस गया था सच्चा प्यार, अब तो रात ही रात का साथी बन गया है। {साँसेआँखें भी तेरी यादों में खो गई हैं, लेकिन तुम्हारी चल//शरीर अब तो एक दुःख ही दिखाती है।
मोहब्बत का यह सफ़र
अकेले चलने की जगह अब मुझे {शिकार ।
भरोसे का टूटना, शायरी में उमंग प्यार की हार, लेखन में गहराई
एक बार जब भरोसा टूट जाता है तो मन अंदर ही अंदर खो जाता है। वह आँखों से नजर नहीं आता, पर दिल को पीड़ा दे देता है। ऐसी पीड़ा कविता में उमंग का रूप लेती है। शब्दों में वो व्यथन छिप जाता है जो दर्द को ज़्यादा तेज बनाता है। शायरी उस दुःख को सहजता से बयां करती है, जिसे कहना मुश्किल लगता है।
उमंग भरी कविताओं में खोई हुई सच्चाई की खोज होती है। हर पंक्ति एक दर्द का वार है, जो शायरी के माध्यम से आसमान तक पहुँच जाता है।
दिलों को चुभने वाली ये शायरी
प्यार का रंग जब बदल जाता है तो कितना तकलीफ होती है। दोस्तों को भी धोखा मिलता है, और इस झूठ में खो जाते हैं लोग। शायरी बेहतरीन तरीके से दर्शाती है यह दुःखद परिस्थिति।
तूफान की नज़्में - धोकेबाज शायरी
यह दुनिया एक जंगल है, जहाँ हर पल एक नया दुःस्वप्न लेकर आता है। मूर्ख शायरी हमारे दिलों में उतरती है, हमें निडर बनाती है। हर शब्द एक छलावा की ओर इशारा करता है, परंतु यह सच क्या है?
यह प्रश्न ही तूफान की नज़्में|तांडव की कविताएँ|आंधी की रागिनियाँ की सच्ची सुंदरता है।
वास्तविकता की छाँव, विश्वासघाती पंक्ति
जीवन एक अमिट परिक्रमा है, जहाँ अंधेरे का सतत सामना होता रहता है। भाषा की तीव्रता से हमारी ध्वनि में गूंज उठती हैं, लेकिन क्या ये धोखा देने वाला चित्र है?
दिलीप कवि की शायरी , एक भ्रामक झलक प्रस्तुत करती हैं। वे सच्चाई को छिपाकर, एक धोखाधड़ी का निर्माण करते हैं जो हमें अपनी आकर्षित करता है |।
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